बाड़मेर - प. पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा 6 की पावन निश्रा में तथा पूजनीया बहिन म. डॉ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. सा. आदि ठाणा 9 के पावन सानिध्य में बाडमेर में ज्ञान वाटिका का दूसरा राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न हुआ। प्रातः ०१.०० ज्ञान वाटिकाओं के बच्चों द्वारा वेलकम किया गया। ज्ञान वाटिका की नन्ही बच्ची भव्या बोहरा द्वारा सरस्वती वन्दना की गई। ज्ञान वाटिका सचिव संजय वैध चैन्नई द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया। गाजियाबाद से चारु जैन, सरिता जैन, सरोज गोलेच्छा, उर्मिला जैन ने अपना उद्बोधन दिया। भारत वर्ष में ज्ञान वाटिका के बच्चों के जैन धार्मिक परिक्षा में प्रतिभाशाली बच्चों, सौ प्रतिशत उपस्थिति, स्थानीय प्रतिभाशाली बच्चों का पारितोषिक देकर अभिनन्दन किया गया। गुरुदेव के मुखारबिन्द से बाड़मेर में ढाणी जैन मन्दिर के पास, जैन न्याति नोहरे की गली व गंगा मैया मन्दिर के पास तीन ज्ञान वाटिकाओं की शुभारम्भ की घोषणा की गई। बच्चों द्वारा वर्तमान युग में मोबाईल के दुष्प्रभाव, नशा मुक्ति, माता-पिता द्वारा बच्चों को कम समय देने सहित कई धार्मिक नाटिकाओं का मंचन किया। इस अवसर पर पूज्यश्री ने फरमाया कि मोबाइल के युग में संस्कार क्रान्ति की आवश्यकता है। आप बचपन संभालों वो आपको पचपन में संभाल लेगें। मुनि मुखरप्रभसागरजी म.सा. ने कहा कि वर्तमान युग में घर घर केयुप हर घर केयुप पर विवेचना किया। पू. बहिन म.सा. साध्वी डॉ. विद्युत्प्रभाश्रीजी ने कहा कि जीवन में बच्चों को तीन बाते जरुर सिखाए संस्कारों की शाला, जवानी में भावनाओं पर ताला एवं बुढापें में माला। अगर आपके बच्चों ने ये तीन बातें सीखली तो वो अपना जीवन संवार लेंगे। ज्ञान वाटिका संस्थान द्वारा अधिवेशन के आयोजक श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास व्यवस्था कमेटी, व 2025 के पर्युषण पर्व में बच्चों के प्रतिक्रमण के लाभार्थी संघवी अशोककुमार मानमल भंसाली गढसिवाणा, हस्तीमल, जगदीशचन्द, रतनकुमार बोथरा परिवार दिल्ली, सम्पूर्ण भारत वर्ष में ज्ञान वाटिकाओं के संचालन करने वाले शिक्षिकाओं का बहुमान किया गया।

ज्ञान वाटिका अध्यक्षा सरोज गोलेच्छा ने ज्ञान वाटिका के कार्यों का विस्तार से बताते हुए कहा कि ज्ञान वाटिका के दूसरे अधिवेशन में सम्पूर्ण देशभर से 60 से अधिक शाखाओं से 1000 से अधिक बच्चों एवम् शिक्षकों ने भाग लिया। यह अधिवेशन गुरुदेव की निश्रा में प्रतिवर्ष बच्चों के मार्गदर्शन के लिए आयोजित किया जाता है। जिसमें देशभर से हजारो शिक्षक-शिक्षिकाएं व बच्चें शिरकत करते है। वाटिकाओं के उद्देश्यों में बच्चों को मन्दिर विधि, गुरु वन्दन, पंच प्रतिक्रमण सिखाया जाता है। ज्ञान वाटिका के माध्यम से बच्चों में धर्म संस्कारों का बीजारोपण करना, गच्छ बाल व युवा शक्ति को संगठित कर एक संस्कारी समाज का निर्माण करना व नये मुमुक्षुओं को तैयार करना आदि प्रमुख है। केएमपी अध्यक्षा सरिता जैन ने बताया कि सम्पूर्ण भारत में वर्तमान में 98 शाखाओं के साथ 5000 बच्चे धर्म की शिक्षा ग्रहण कर रहे है। बाड़मेर में 07 ज्ञान वाटिकाओं का संचालन केयुप व केएमपी के माध्यम से हो।